इतनी ऊंचाई कभी मत देना मेरे ईश्वर, जहाँ से इंसानियत नीचे छूट जाये।
“मुझे ज्ञान है” यह आत्मविश्वास है लेकिन “केवल मुझे ही ज्ञान है” यह अहंकार है।
एक अच्छा दिन और एक बुरा दिन केवल आपके नजरिये का अंतर होता है।
एक बेहतरीन इंसान अपनी जुबान से ही पहचाना जाता है।
हर सुबह उठकर सबसे पहले ईश्वर को धन्यवाद दीजिये कि ईश्वर ने हमें आज का यह दिन दिया है। इस दिन हम फिर से जिंदगी की एक नयी शुरआत कर पाएंगे।
आजकल हर कोई बड़ा आदमी बनना चाहता है। लेकिन पहले इंसान बनना अक्सर हम भूल जाते हैं।
किसी की कमी का एहसास उसके चले जाने के बाद ही होता है।
मंजिल मिल ही जाएगी एक दिन, चाहे देर से ही मिले। मगर नादान तो वो लोग हैं जो घर से निकलते ही नहीं।
“जीवन में ज़ख़्म बड़े नहीं होते उनको भरने वाले बड़े होते है
उसी तरह जीवन में रिश्ते बड़े नहीं होते उन रिश्तों को निभाने वाले बड़े होते है।”
जो इंसान समय का महत्व नहीं समझता, वह कभी भी कामयाब नहीं हो सकता।
मंज़िल पर कैसे पहुँचते हैं यह उस चिड़िया से सीखो जो एक-एक तिनका उठाती है और लगातार कठिन मेहनत से एक खूबसूरत घोंसले का निर्माण करती है।
यदि रिश्तों को लम्बे समय तक निभाना हो तो लोगों की बातों को दिल से लगाना छोड़ दें।
जब लड़ाई अपनों से हो तो हार जाना ही बेहतर होता है। अपनों से आप यदि लड़ाई जीत भी गए तो रिश्तों को हमेशा के लिए खो देंगे।
जहाँ प्यार जताना पड़े, वहां दरअसल प्यार है ही नहीं। प्यार सिर्फ एक एहसास है। जो महसूस किया जा सकता है।
ठोकर हमको चोट पहुंचाने का काम नहीं करती बल्कि सचेत करती है कि हमको संभलकर चलना चाहिए। वह हमको सिखाती है कि बार-बार गलतियां करके हम मंज़िल तक नहीं पहुँच सकते।
“आधी मुश्किल हल हो जाती है जब हमारा कोई अपना हमसे कहता है “चिंता मत करो, सब ठीक हो जायेगा”
हर सुबह हमको यह एहसास कराती है कि एक नया अवसर हमारी प्रतीक्षा कर रहा है।