विकल्प बहुत है बिखरने के लिए संकल्प एक ही काफी है सवरने के लिए।
“सुप्रभात”
आप एक बुरे नज़रिये के साथ अच्छा दिन नहीं बिता सकते और एक अच्छे नज़रिये के साथ बुरा दिन नहीं बिता सकते।
“सुप्रभात
तन्हा बैठकर न देख हाथों की लकीरे अपनी, उठ बाँध कमर और लिख दे खुद तकदीर अपनी।
“सुप्रभात”
मुसीबत सब पर आती है। कोई बिखर जाता है और कोई निखर जाता है।
“सुप्रभात”
संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका हैं असंभव से भी आगे निकल जाना।
“सुप्रभात”
जिस समय भी आप यह सोचना शुरू कर देते है कि अगर आप लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाए, तो क्या करेंगे’. उसी पल आप हार जाते है |
“सुप्रभात”
जिस समय भी आप यह सोचना शुरू कर देते है कि अगर आप लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाए, तो क्या करेंगे’. उसी पल आप हार जाते है |
“सुप्रभात”
कौन कहता है कि ईश्वर नजर नहीं आता। सिर्फ वही तो नजर आता है जब कोई नजर नहीं आता।
“सुप्रभात”
जो खो गया, उसके लिए रोया नहीं करते। जो पा लिया, उसे खोया नहीं करते। उनके ही सितारे चमकते हैं, जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते।
“सुप्रभात”